अरहर की खेती कैसे करे??
किसानों के लिये वरदान अरहर की धारवाहड़ विधि।
#अरहर की धारवाहड़ विधि {रोपाई विधि} उत्पादन की दृष्टि से एक लाभकारी विधि हैं। इस तकनीक से खेती करने से उत्पादन लगभग 15-16 क्विंटल प्रति एकड़ तक ले सकते हैं। इस विधि में कृषक भाई अरहर के बीज को 10 मई से 10 जून तक पोलीथीन की थैलियों में उपचारित कर बीज की बुवाई कर दें। पौधा तैयार करने वाली थैलियों में भुरभुरी जीवांश युक्त मिट्टी और वर्मी कम्पोस्ट, गोबर खाद एवं 2 किग्रा ट्रॉइकोडरमा, 1 किग्रा पी.एस.बी. कल्चर व 1 किग्रा राईजोबियम कल्चर मिलाकर थैलियों में भरकर छायादार स्थान में रखकर उनमें स्वस्थ्य उन्नत किस्म के 2-2 बीज की बुवाई कर दे।
#बीज दर : -
एक एकड़ के लिए 1 किग्रा बीज पर्याप्त होता है।
#बीज उपचार : -
2 ग्राम रिडोमिल गोल्ड एवं 2 ग्राम क्लोरोपायरीपास से 1 किग्रा बीज को उपचारित करें ।
#किस्म : - अपने क्षेत्र अनुसार किस्मों का चुनाव करें !
#बोने का समय : -
1. धारवाहड़ विधी : - 10 मई से 10 जून
2. वर्षा ऋतु : -15 जून - 15 जूलाई
#सहफसली खेती : -
अरहर + मूंगअरहर ,उर्द
अरहर + मक्का
#सिचांई : -
फब्बारा या हजारा से दिन में दो बार सिंचाई करें।
#पौधों से पौधों की दुरी : -
3×3 फिट या 4×4 फिट ।
#लाईन से लाईन की दुरी : -
4 × 4 या 5 × 5 या 6 × 6 फिट ।
#रोपाई : -
जब रोपणी 25-30 दिन की हो जाये तब तैयार खेत में रोपाई कर दी जाये।
#खाद : -
अरहर का पौधा लगाने के पूर्व एक एकड़ में 2 टन वर्मी कम्पोस्ट या 4 टन गोबर खाद मिला दे ।
#उर्वरक : -
मिश्रण : - 1
Urea - 20 kg
S.S.P. - 150 kg
M.O.P. - 15 kg
Zink - 05 kg
मिश्रण : - 2
D.A.P. - 50 kg
Urea - 00 kg
M.O.P. - 15 kg
Zink - 05 kg
मिश्रण : - 3
12:32:16 - 50kg
Zink - 05 kg
प्रति एकड़ की दर से खेत में मिला दें।
#नोट : -
1) तीनों उर्वरक मिश्रण मे से कोई एक मिश्रण का उपयोग करें ।
2) D.A.P. को जिंक के साथ न मिलाये ।
#रोपाई : -
पौधा रोपाई का कार्य वर्षा होने के बाद करे और रोपाई के बाद एक-एक मग पानी प्रति पौधा दो दिन तक देना चाहिए। रोपाई के 20 - 25 {1.5-2 फिट} पर पहली खुटाई व 40-45 दिन बाद पौधों की ऊपर से दुसरी खुटाई कर दे। जिससे शाखाओं में वृद्धि हो जाती है। और उत्पादन मे वृद्धि होती है।
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